चौखी धानी: जयपुर में संस्कृति, कला और देहात की आत्मा को भी अपने साथ समेटे हुए है
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आज हम याद कर रहे हैं हिन्दी सिनेमा के एक चमकते सितारे, जिनकी हँसी ने हमारे दिलों में बचपन की यादें बुन दी थीं — Govardhan Asrani (अस्रानी जी)।वे आज हमारे बीच नहीं रहे। 20 अक्टूबर 2025 को मुंबई के एरोग़्य निधि अस्पताल, जुहू में उन्होंने अंतिम सांस ली थी। अस्रानी जी का जन्म जयपुर में हुआ था। संघर्षों से भरी शुरुआत के बाद उन्होंने बॉलीवुड में एंट्री की।
उनके पिता कालीन बेचते थे, और अस्रानी जी दिन में पढ़ते, रात में वॉयस‑आर्टिस्ट का काम करते थे।
उनकी सबसे यादगार भूमिका रही फिल्म Sholay में “अंग्रेजों के जमाने का जेलर” का किरदार। इसके साथ ही उन्होंने कई दशक तक हिंदी सिनेमा में हास्य‑निर्माण किया, 350+ फिल्मों में काम किया और हर पीढ़ी को हँसाया। अस्पताल में भर्ती थे, फेफड़ों में “पानी जमा होने” की समस्या थी। 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे उनका देहांत हुआ। उन्होंने चाहा था कि उनकी अंतिम
अस्रानी जी का चुटीला अंदाज़, उनका सहज हास्य, और हर किरदार में सच्चाई भर डालने का हुनर — ये सब हमें आज भी मुस्कुराने पर मजबूर कर देते हैं।
उनकी वो कॉमिक डायलॉग्स, वो तस्वीरें, वो पल — आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन हमारी यादों में हमेशा जीवित रहेंगे।हमें उन्हें सिर्फ एक अभिनेता के रूप में नहीं बल्कि हँसी का उद्गम और इंसानियत के प्रतीक के रूप में याद रखना चाहिए।
उनकी विरासत हमें सिखाती है कि असली महानता सिर्फ स्क्रीन पर नहीं बल्कि दिलों में बसने में होती है।
ॐ शांति। स्वर्ग में आपकी आत्मा को शांति मिले, अस्रानी जी।
I am very happy to read about Asrani.We will always miss him in Indian film world.
जवाब देंहटाएं- Rajesh
dhayavad ji apka
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