लाहौल-स्पीति: बर्फ़ीली वादियों का अनकहा सौंदर्य
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रिज़ॉर्ट के भीतर हरियाणवी, पंजाबी और राजस्थानी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। गाँव की चौपाल जैसी जगहों पर लोकनृत्य, रस्साकशी, पिट्ठू, कबड्डी और अन्य देसी खेलों का मज़ा लिया जा सकता है। बच्चे मिट्टी के खिलौने बनाना, बायोगैस प्लांट देखना या बागवानी करना सीखते हैं — जो शहरी जीवन से एक ताज़गी भरा बदलाव लाता है।
यहाँ का देसी खाना इसकी सबसे बड़ी पहचान है — सरसों का साग, मक्के की रोटी, दही, लस्सी, गुड़ और ताज़े देसी घी की महक हर किसी को गाँव के स्वाद
की याद दिला देती है। सुबह का नाश्ता से लेकर दोपहर का भोजन तक सब कुछ पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों में परोसा जाता है।प्रतापगढ़ विलेज रिज़ॉर्ट न केवल एक मनोरंजन स्थल है, बल्कि यह बच्चों और युवाओं को भारतीय संस्कृति और ग्रामीण जीवन से जोड़ने का एक सुंदर माध्यम भी है। यहाँ आकर आपको एहसास होता है कि असली भारत आज भी अपनी परंपरा, सादगी और मेहमाननवाज़ी में बसा है।
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