मुठिया, छत्तीसगढ़ का पारंपरिक व्यंजन

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  भारत के हृदय में स्थित छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और जीवंत परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। इसकी राजधानी रायपुर विभिन्न समुदायों का संगम है, जहाँ हर समुदाय अपनी विशिष्ट पाक परंपराओं से इस क्षेत्र के अनोखे स्वाद-पटल को समृद्ध करता है। सड़क किनारे के ठेलों से लेकर उच्चस्तरीय रेस्तरां तक, रायपुर में स्थानीय व्यंजनों की भरपूर विविधता मिलती है, जो छत्तीसगढ़ के असली स्वाद को प्रस्तुत करती है। इस स्वाद-यात्रा में हम उन खास स्थानीय पकवानों की खोज करेंगे, जो रायपुर और छत्तीसगढ़ को खाने के शौकीनों के लिए स्वर्ग बना देते हैं।  READ ALSO : बॉल मिठाई : नैनिताल की मीठी पहचान मुठिया  मुठिया, छत्तीसगढ़ का पारंपरिक व्यंजन, राज्य की पारंपरिक शैली में तैयार किए गए पकौड़ों का एक विशेष रूप है। चावल के घोल में विभिन्न मसालों का मेल कर इन्हें बनाया जाता है, लेकिन इसकी खासियत इसके पकाने के तरीके में है – तलने के बजाय भाप में पकाना। यह विधि मुठिया के हर घटक का असली स्वाद बनाए रखती है। छत्तीसगढ़ में व्यापक रूप से पसंद किया जाने वाला यह व्यंजन खास तौर पर नाश्ते में परोसा जाता है और न केव...

समय में थमा हुआ शहर चेत्तिनाड,जहाँ हवेलियाँ बोलती हैं

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Chettinad a timeless town
दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित चेत्तिनाड एक ऐसा क्षेत्र है जिसने भारतीय इतिहास में अपनी विशेष पहचान बनाई है। यह क्षेत्र नागरथर या चेत्तियार समुदाय का पारंपरिक घर माना जाता है। नागरथर समुदाय अपनी व्यापारिक समझ, उदार दानशीलता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। सदियों पहले जब भारत व्यापार के केंद्रों में से एक था, तब इस समुदाय ने बर्मा, श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों में व्यापार का विशाल नेटवर्क स्थापित किया। इस वैश्विक दृष्टि और संगठन ने चेत्तिनाड को समृद्धि और पहचान दिलाई।

भव्य हवेलियों में झलकती समृद्धि

चेत्तिनाड की सबसे प्रभावशाली पहचान इसकी भव्य हवेलियों में झलकती है। इन हवेलियों का निर्माण उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के बीच हुआ था, जब नागरथर व्यापारी वर्ग अपने स्वर्ण काल में था। बर्मी टीक की लकड़ी, इटली की टाइलें और यूरोपीय संगमरमर से सजे ये घर भारतीय पारंपरिक वास्तुकला और विदेशी प्रभाव का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। विशाल आंगन, नक्काशीदार

दरवाजे और कलात्मक खिड़कियाँ इन हवेलियों को एक अलग ही भव्यता प्रदान करती हैं।

स्वाद और संस्कृति का अनोखा संगम

चेत्तिनाड की पहचान इसके अनूठे व्यंजनों से भी जुड़ी है। यहाँ के पकवानों में ताजे मसालों और पारंपरिक तरीकों का प्रयोग किया जाता है, जो स्वाद को गहराई देते हैं। चेत्तिनाड व्यंजन अपनी तीव्र सुगंध और तेज मसालों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ की चिकन करी, विशेष मसाला चावल और पारंपरिक दोसे दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। स्वाद और संस्कृति का यह मेल चेत्तिनाड को भोजन प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनाता है।

धार्मिक आस्था और सामाजिक योगदान

नागरथर समुदाय केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने शिक्षा, धर्म और समाजसेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। मंदिरों, विद्यालयों और सामाजिक संस्थाओं

की स्थापना उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाती है। चेत्तिनाड के मंदिरों की भव्यता और उनकी कलात्मक नक्काशी यह बताती है कि यह समुदाय अपनी आस्था और परंपराओं के प्रति कितना समर्पित रहा है।

आधुनिक समय में भले ही नागरथर समुदाय दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैल गया हो, लेकिन उनकी जड़ें आज भी चेत्तिनाड में गहराई से बसी हुई हैं। यह क्षेत्र आज भी अपनी हवेलियों, मंदिरों और भोजन के माध्यम से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। चेत्तिनाड की संस्कृति न केवल अतीत की विरासत है बल्कि वर्तमान में जीवित एक गौरवशाली पहचान भी है।

चेत्तिनाड की कहानी एक ऐसे समुदाय की कहानी है जिसने परंपरा और आधुनिकता के बीच अद्भुत संतुलन स्थापित किया। यही कारण है कि आज भी चेत्तिनाड तमिलनाडु के सांस्कृतिक मानचित्र में एक अनमोल रत्न की तरह चमकता है।

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टिप्पणियाँ

  1. चेट्टीनाड के बारे में जानकारी पड़कर , अगली बार वहाँ जाने का प्रोग्राम बना रहा हूँ, धन्यवाद- रघुनाथ

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