क्या इंदौर टक्कर दे सकता है जापान और स्वीडन के साफ शहरों को?
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नगर निगम नियमित सफाई अभियान चलाता है और कूड़ा उठाने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराता है। सफाई कर्मी समय पर कूड़ा उठाने और शहर को साफ रखने में जुटे रहते हैं। इसके अलावा, कई स्वयंसेवी संगठन और स्थानीय समुदाय भी सफाई अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं, जिससे पूरे शहर में स्वच्छता का संदेश फैलता है। इस पूरे प्रयास का नतीजा यह हुआ है कि इंदौर न केवल स्वच्छ बना, बल्कि यहाँ की हवा और पानी भी स्वच्छ हो गए हैं। इससे न केवल लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है, बल्कि पर्यटकों की संख्या में
भी वृद्धि हुई है और शहर का विकास हुआ है।इंदौर की कहानी से यह स्पष्ट होता है कि स्वच्छता केवल सरकार या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह अपने शहर को साफ-सुथरा रखने में अपना योगदान दे। जब सभी मिलकर काम करते हैं, तब ही सफाई का सपना हकीकत बन पाता है। इसी सोच के साथ इंदौर ने देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि कैसे सामूहिक प्रयासों से किसी भी शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सकता है।
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