जानिए दुनिया के किन-किन देशों में मनाई जाती है दीवाली

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Read Also:लद्दाख की अनोखी विवाह प्रणाली: परंपरा और आधुनिकता का संगम   सिंगापुर में दीपावली  क्या आप जानते हैं कि दीवाली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाई जाती है? जहाँ-जहाँ भारतीय समुदाय बसा है, वहाँ यह पर्व एक सांस्कृतिक उत्सव बन चुका है। पड़ोसी देशों में दीवाली का महत्व भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दीवाली को ‘तिहार’ कहा जाता है। यह पाँच दिन तक चलने वाला पर्व है जिसमें लक्ष्मी पूजन के साथ पशु-पक्षियों और भाई-बहन के रिश्तों का सम्मान किया जाता है। श्रीलंका में यह त्योहार तमिल हिंदू समुदाय में विशेष रूप से मनाया जाता है। लोग मंदिरों में पूजा करते हैं, घर सजाते हैं और पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं। दोनों ही देशों में दीवाली को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व के रूप में गहरा महत्व दिया जाता है।  एशिया और कैरेबियन देशों में दीपावली उत्सव मलेशिया और सिंगापुर में दीपावली एक सरकारी अवकाश होता है। लोग अपने घरों को रंगोली और लाइटों से सजाते हैं और मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं। त्रिनिदाद एंड टोबैगो और फ़िजी में भी दीवाली बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। यहाँ य...

दुनिया की पहली फोटो की कहानी

एक कप चाय और कुछ अधूरी बातें 

जानिए कैसे जोसेफ नाइसफोर निएप्स ने 1826 में इतिहास की पहली फोटो ली

( दुनिया की पहली फोटो )
1826 की एक फ्रांस की दोपहर में, जोसेफ नाइसफोर निएप्स नाम के एक वैज्ञानिक ने इतिहास की पहली तस्वीर कैद की। उस वक्त कैमरे आज जैसे नहीं थे, बल्कि एक बड़ा लकड़ी का डिवाइस था जिसमें बिटुमेन नामक केमिकल लगी एक प्लेट थी। उन्होंने अपने घर की खिड़की से बाहर का दृश्य उस प्लेट पर कैमरा ऑब्स्क्यूरा की मदद से कैद किया। इस प्रक्रिया में सूरज की रोशनी लगभग 8 घंटे तक लगी रही। धीरे-धीरे एक धुंधली सी परछाई प्लेट पर उभरने लगी, जो दुनिया की पहली तस्वीर बनी। इसे “View from the Window at Le Gras” कहा जाता है।

जोसेफ निएप्स को उस वक्त शायद पता नहीं था कि उनके इस छोटे प्रयोग से पूरी दुनिया की यादें कैद करने का रास्ता खुल जाएगा। इस तस्वीर ने फोटोग्राफी की नींव रखी, जो आगे चलकर मोबाइल कैमरे और डिजिटल फोटोग्राफी तक पहुंची। यह तस्वीर आज भी University of Texas में सुरक्षित रखी गई है और निएप्स को “Father of Photography” कहा जाता है।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बड़ी खोजें अक्सर छोटे कदमों से शुरू होती हैं। अगर निएप्स ने अपनी मेहनत और धैर्य नहीं दिखाया होता, तो शायद हम आज

अपनी यादों को तस्वीरों में नहीं संजो पाते। एक सपना और एक प्रयास पूरी दुनिया बदल सकता है।

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टिप्पणियाँ

  1. दुनिया के पहले फ़ोटो के बारे में जानकारी बहुत ज्ञान वर्धक लगा । इसी तरह के सुंदर लेख अपने ब्लॉग The Bolti Kalam पर प्रकाशित करते रहें ।
    - सुदर्शन

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