पेरिस की सड़कों पर भारत की यादें : एक पुराना सफर

Chettinad a timeless town |
चेत्तिनाड की सबसे प्रभावशाली पहचान इसकी भव्य हवेलियों में झलकती है। इन हवेलियों का निर्माण उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के बीच हुआ था, जब नागरथर व्यापारी वर्ग अपने स्वर्ण काल में था। बर्मी टीक की लकड़ी, इटली की टाइलें और यूरोपीय संगमरमर से सजे ये घर भारतीय पारंपरिक वास्तुकला और विदेशी प्रभाव का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। विशाल आंगन, नक्काशीदार दरवाजे और कलात्मक खिड़कियाँ इन हवेलियों को एक अलग ही भव्यता प्रदान करती हैं।
चेत्तिनाड की पहचान इसके अनूठे व्यंजनों से भी जुड़ी है। यहाँ के पकवानों में ताजे मसालों और पारंपरिक तरीकों का प्रयोग किया जाता है, जो स्वाद को गहराई देते हैं। चेत्तिनाड व्यंजन अपनी तीव्र सुगंध और तेज मसालों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ की चिकन करी, विशेष मसाला चावल और पारंपरिक दोसे दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। स्वाद और संस्कृति का यह मेल चेत्तिनाड को भोजन प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनाता है।
नागरथर समुदाय केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने शिक्षा, धर्म और समाजसेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। मंदिरों, विद्यालयों और सामाजिक संस्थाओं
की स्थापना उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाती है। चेत्तिनाड के मंदिरों की भव्यता और उनकी कलात्मक नक्काशी यह बताती है कि यह समुदाय अपनी आस्था और परंपराओं के प्रति कितना समर्पित रहा है।आधुनिक समय में भले ही नागरथर समुदाय दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैल गया हो, लेकिन उनकी जड़ें आज भी चेत्तिनाड में गहराई से बसी हुई हैं। यह क्षेत्र आज भी अपनी हवेलियों, मंदिरों और भोजन के माध्यम से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। चेत्तिनाड की संस्कृति न केवल अतीत की विरासत है बल्कि वर्तमान में जीवित एक गौरवशाली पहचान भी है।
चेत्तिनाड की कहानी एक ऐसे समुदाय की कहानी है जिसने परंपरा और आधुनिकता के बीच अद्भुत संतुलन स्थापित किया। यही कारण है कि आज भी चेत्तिनाड तमिलनाडु के सांस्कृतिक मानचित्र में एक अनमोल रत्न की तरह चमकता है।
चेट्टीनाड के बारे में जानकारी पड़कर , अगली बार वहाँ जाने का प्रोग्राम बना रहा हूँ, धन्यवाद- रघुनाथ
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