समय में थमा हुआ शहर चेत्तिनाड,जहाँ हवेलियाँ बोलती हैं

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  Chettinad a timeless town दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित चेत्तिनाड एक ऐसा क्षेत्र है जिसने भारतीय इतिहास में अपनी विशेष पहचान बनाई है। यह क्षेत्र नागरथर या चेत्तियार समुदाय का पारंपरिक घर माना जाता है। नागरथर समुदाय अपनी व्यापारिक समझ, उदार दानशीलता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। सदियों पहले जब भारत व्यापार के केंद्रों में से एक था, तब इस समुदाय ने बर्मा, श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों में व्यापार का विशाल नेटवर्क स्थापित किया। इस वैश्विक दृष्टि और संगठन ने चेत्तिनाड को समृद्धि और पहचान दिलाई। भव्य हवेलियों में झलकती समृद्धि चेत्तिनाड की सबसे प्रभावशाली पहचान इसकी भव्य हवेलियों में झलकती है। इन हवेलियों का निर्माण उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के बीच हुआ था, जब नागरथर व्यापारी वर्ग अपने स्वर्ण काल में था। बर्मी टीक की लकड़ी, इटली की टाइलें और यूरोपीय संगमरमर से सजे ये घर भारतीय पारंपरिक वास्तुकला और विदेशी प्रभाव का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। विशाल आंगन, नक्काशीदार दरवाजे और कलात्मक खिड़कियाँ इन हवेलियों को एक अलग ही भव्यता प्रदान करती हैं। ...

क्या भूटान के लोग दुनिया में सबसे अधिक खुश हैं, क्या यह पूरी तरह से सही है ?

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(GNH) मॉडल और भूटानी जीवनशैली का रहस्य
जब भी "सबसे खुशहाल देश" की बात होती है, तो भूटान का नाम ज़रूर लिया जाता है। यह छोटा हिमालयी देश अपने अनोखे विकास मॉडल "ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस" (GNH) के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन क्या वाकई में भूटानी लोग दुनिया के सबसे खुशहाल लोग हैं? आइए जानते हैं।

 भूटान का ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस मॉडल

भूटान ने 1970 के दशक में यह घोषित किया कि देश का विकास केवल GDP (Gross Domestic Product) से नहीं मापा जाएगा, बल्कि Gross National Happiness से होगा। इस मॉडल में 9 मुख्य स्तंभ होते हैं:

1. मानसिक सुख-शांति

2. स्वास्थ्य

3. शिक्षा

4. अच्छे प्रशासन

5. सांस्कृतिक संरक्षण

6. पारिस्थितिक संतुलन

7. समय का सदुपयोग

8. समुदाय की जीवन शक्ति

9. जीवन स्तर

इस मॉडल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास लोगों के जीवन में असली खुशियाँ और संतुलन लाए।

क्या भूटान वाकई सबसे खुश देश है?

हालाँकि भूटान का GNH मॉडल सराहनीय है, लेकिन **World Happiness Report** जैसे वैश्विक रिपोर्टों में भूटान टॉप 10 देशों में नहीं आता। इन रिपोर्टों में आमतौर पर फिनलैंड, डेनमार्क और स्विट्ज़रलैंड जैसे देश शीर्ष पर रहते हैं।

फिर भी, भूटान की खासियत यह है कि वहाँ के लोग सादगी, प्रकृति के करीब जीवन, और आध्यात्मिक संतुलन को प्राथमिकता देते हैं। यही कारण है कि भूटानी लोग अक्सर आत्मिक संतोष में दूसरों से आगे माने जाते हैं।

निष्कर्ष

भूटान के लोग शायद "सांख्यिकीय रूप से" दुनिया के सबसे खुशहाल ना हों, लेकिन उनका जीवन दर्शन और शासन मॉडल उन्हें विशेष ज़रूर बनाता है। GNH जैसी सोच आज के भौतिकतावादी युग में एक प्रेरणा है कि सच्ची खुशी कहाँ से आती है -बाहर की चीज़ों से नहीं, बल्कि भीतर की संतुलन और शांति से।

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