जानिए दुनिया के किन-किन देशों में मनाई जाती है दीवाली

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Read Also:लद्दाख की अनोखी विवाह प्रणाली: परंपरा और आधुनिकता का संगम   सिंगापुर में दीपावली  क्या आप जानते हैं कि दीवाली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाई जाती है? जहाँ-जहाँ भारतीय समुदाय बसा है, वहाँ यह पर्व एक सांस्कृतिक उत्सव बन चुका है। पड़ोसी देशों में दीवाली का महत्व भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दीवाली को ‘तिहार’ कहा जाता है। यह पाँच दिन तक चलने वाला पर्व है जिसमें लक्ष्मी पूजन के साथ पशु-पक्षियों और भाई-बहन के रिश्तों का सम्मान किया जाता है। श्रीलंका में यह त्योहार तमिल हिंदू समुदाय में विशेष रूप से मनाया जाता है। लोग मंदिरों में पूजा करते हैं, घर सजाते हैं और पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं। दोनों ही देशों में दीवाली को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व के रूप में गहरा महत्व दिया जाता है।  एशिया और कैरेबियन देशों में दीपावली उत्सव मलेशिया और सिंगापुर में दीपावली एक सरकारी अवकाश होता है। लोग अपने घरों को रंगोली और लाइटों से सजाते हैं और मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं। त्रिनिदाद एंड टोबैगो और फ़िजी में भी दीवाली बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। यहाँ य...

नरेंद्र मोदी रोज़ कितनी नींद लेते हैं? ये जानकर आप हैरान रह जाएंगे

 नरेंद्र मोदी और उनकी कम नींद की आदत: एक दृष्टिकोण



भारत  के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल देश के सबसे चर्चित नेताओं में से एक हैं, बल्कि उनकी मेहनत और समर्पण के लिए भी जाने जाते हैं। उनका दिन बेहद व्यस्त होता है, लेकिन इसके बावजूद वह अक्सर केवल 4-5 घंटे की नींद लेकर भी पूरी ऊर्जा के साथ काम करते हैं। उनकी यह कम नींद की आदत उनके कठोर परिश्रम, अनुशासन और आत्म-संयम का प्रमाण है।

 मोदी की दिनचर्या और नींद का महत्व

नरेंद्र मोदी की दिनचर्या बहुत ही सख्त और अनुशासित है। वे सुबह बहुत जल्दी उठते हैं, आमतौर पर 4 बजे से पहले। उनकी शुरुआत योग और ध्यान से होती है, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। योग से वे दिनभर की थकान को दूर करते हैं और अपने मन को शांत रखते हैं।

नींद की कमी के बावजूद, मोदी जी अपनी ऊर्जा बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार और नियमित व्यायाम करते हैं। वे अक्सर छोटे ब्रेक लेकर अपने दिन को संतुलित करते हैं, ताकि उनकी कार्यक्षमता में कमी न आए। उनके सहयोगी बताते हैं कि वे अपने काम में इतने लीन रहते हैं कि नींद की कमी उनके काम पर ज्यादा असर नहीं डालती।

 कम नींद के बावजूद कामयाबी का राज़

आम तौर पर विज्ञान कहता है कि वयस्कों को 7-8 घंटे की नींद की जरूरत होती है, लेकिन मोदी जी

की आदत इस सामान्य नियम से अलग है। वे अपनी कम नींद की पूर्ति योग, ध्यान और सही जीवनशैली से करते हैं। उनकी यह आदत दिखाती है कि सही मानसिक स्थिति और अनुशासन से नींद की कमी को काफी हद तक सहन किया जा सकता है।

इस बात से प्रेरणा लेकर हम भी अपनी दिनचर्या में व्यायाम, ध्यान और सही खान-पान को शामिल कर सकते हैं ताकि कम नींद के बावजूद अपनी ऊर्जा और सेहत को बनाए रख सकें।

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