नागौर का मेला : क्या आप जानते हैं इसका एक रहस्य सदियों से छिपा है?
4 अरब कप चाय पी जाती है हर दिन भारत में
| नीलगिरि चाय गार्डन |
अर्जुन का अगला कदम था पूर्वोत्तर की धूप से लिपटी धरती असम। यहाँ की चाय थी बिल्कुल विपरीत: गाढ़ी, तीव्र, और मसलादार। अर्जुन ने गर्म दूध के साथ इसे पीया और महसूस किया कि असम की चाय में एक अलग ही ताकत है, जो सुबह की थकान को पूरी तरह मिटा देती है।फिर वह गया दक्षिण की ओर, जहाँ नीलगिरी के पहाड़ों पर सुगंधित चाय की बगानें थीं। नीलगिरी की चाय हल्की और फूलों जैसी थी, जो गरमी में भी ताजगी
देती है। अर्जुन ने सोचा, “यह तो एकदम सुकून देने वाली चाय है।”अंत में, हिमाचल के कांगड़ा क्षेत्र की यात्रा पर, अर्जुन ने पाया कि यहाँ की चाय में मिट्टी की खुशबू और हल्का मसाला है, जो हर घूँट को खास बना देता है।रात के अंत में, थका-मांधा लेकिन खुश अर्जुन ने कहा, “भारत की चाय का सफर एक कहानी है — विविधता, स्वाद, और परंपरा की। हर एक कप में एक अलग एहसास है, जो दिल को छू जाता है।”
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें