बहुत से फिल्म स्टार राजनीति में क्यों जाना पसंद करते हैं?
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
बहुत से फिल्म स्टार राजनीति में क्यों जाना पसंद करते हैं?
भारत जैसे देश में जहां फिल्में और राजनीति दोनों का जनता से गहरा जुड़ाव होता है, वहाँ यह कोई नई बात नहीं है कि फिल्मी सितारे राजनीति में कदम रखते हैं। अमिताभ बच्चन से लेकर हेमा मालिनी, स्मृति ईरानी, शत्रुघ्न सिन्हा, रजनीकांत और हाल ही में कंगना रनौत तक—बहुत से बड़े सितारों ने राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश की है।
लेकिन सवाल उठता है कि आखिर इतने सारे फिल्म स्टार राजनीति में क्यों जाना पसंद करते हैं?
फिल्म स्टार पहले से ही जनता के बीच प्रसिद्ध होते हैं। उनका चेहरा लोगों के लिए जाना-पहचाना होता है। चुनाव में जब कोई ऐसा चेहरा सामने आता है जिसे जनता पहले से जानती है, तो उसे वोट मिलने की संभावना बढ़ जाती है। पार्टियाँ भी ऐसे चेहरों को टिकट देकर अपने पक्ष में लहर बनाने की कोशिश करती हैं।
कई फिल्म स्टार सच में समाज की सेवा करना चाहते हैं। फिल्मों के ज़रिए वे मनोरंजन करते हैं, लेकिन राजनीति के ज़रिए वे नीतियाँ बना सकते हैं, लोगों के जीवन को सुधार सकते हैं। कुछ स्टार्स जैसे कि सुनील दत्त और स्मृति ईरानी ने राजनीति में आकर सक्रिय रूप से सामाजिक कार्य किए हैं।
कभी-कभी जब फिल्मों में करियर धीमा हो जाता है या उम्र के साथ काम मिलना कम हो जाता है, तब राजनीति एक नया विकल्प बन जाती है। यह उन्हें एक नई पहचान और उद्देश्य देता है।
राजनीति में आने से एक तरह का सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव मिल जाता है। स्टार्स पहले से ही मीडिया में छाए रहते हैं, और राजनीति में आकर वे नीतिगत निर्णयों का हिस्सा भी बन जाते हैं। यह प्रभाव उन्हें एक "लीडर" की भूमिका में लाता है।
राजनीतिक पार्टियाँ जानती हैं कि फिल्म स्टार्स का इस्तेमाल करके वे युवाओं और आम जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं। यही कारण है कि चुनावों से पहले अक्सर नए स्टार्स को पार्टी में शामिल किया जाता है।
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें