नागौर का मेला : क्या आप जानते हैं इसका एक रहस्य सदियों से छिपा है?
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दुनिया तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ओर बढ़ रही है। अब मशीनें सिर्फ काम नहीं कर रहीं, बल्कि सोचने, समझने और निर्णय लेने लगी हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है - क्या इंसानों के लिए काम बचा रहेगा?आज AI का इस्तेमाल हर क्षेत्र में हो रहा है -ग्राहक सेवा से लेकर मेडिकल रिपोर्ट बनाने तक, कारखानों में मशीनों से काम लेने से लेकर लेख लिखने तक। इससे कई लोगों को लगता है कि इंसानों की जरूरत कम होती जा रही है।
लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। जब भी कोई नई तकनीक आई है, उसने पुराने कामों को बदला जरूर है, लेकिन नए कामों को भी जन्म
दिया है। ठीक वैसे ही AI भी हमें नए अवसर देगा, बस ज़रूरत है खुद को बदलने और सीखने की।AI कभी भी इंसानी भावनाओं, सोच, रचनात्मकता और नैतिकता की जगह नहीं ले सकता। एक मशीन कभी यह नहीं समझ सकती कि किसी को क्या महसूस हो रहा है, या किसी कठिन परिस्थिति में सही फैसला क्या होगा।
भविष्य में नौकरियों का स्वरूप ज़रूर बदलेगा, लेकिन इंसानों की ज़रूरत खत्म नहीं होगी। जो लोग समय के साथ चलना सीखेंगे, तकनीक को अपनाएंगे और अपनी क्षमताएं बढ़ाएंगे -उनके लिए अवसरों की कोई कमी नहीं होगी।
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