नागौर का मेला : क्या आप जानते हैं इसका एक रहस्य सदियों से छिपा है?

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  राजस्थान अपनी रंगीन संस्कृति, लोक परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है नागौर का प्रसिद्ध मेला, जिसे लोग नागौर पशु मेला या रामदेवजी का मेला भी कहते हैं। यह मेला हर साल नागौर को एक अनोखे रंग में रंग देता है, जहाँ परंपरा, व्यापार, लोक-कलाएँ और ग्रामीण जीवन की असली झलक देखने को मिलती है। मेले की ऐतिहासिक पहचान नागौर का मेला सदियों पुराना है। प्रारंभ में यह मुख्य रूप से पशु व्यापार के लिए जाना जाता था, लेकिन समय के साथ यह एक समृद्ध सांस्कृतिक आयोजन बन गया। यह मेला आज राजस्थान की मिट्टी, लोकगीतों, खान-पान और ग्रामीण जीवन की रौनक को करीब से दिखाने वाली परंपरा बन चुका है। इसका महत्व सिर्फ सांस्कृतिक नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। एशिया का प्रमुख पशु मेला नागौर मेला एशिया के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक माना जाता है। यहाँ हर साल हजारों पशुपालक राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और अन्य राज्यों से पहुँचते हैं। विशेष रूप से नागौरी बैल, मारवाड़ी घोड़े और सजे-धजे ऊँट मेले की शान कहलाते है...

क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों की नौकरियां छीन लेगा?

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दुनिया तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ओर बढ़ रही है। अब मशीनें सिर्फ काम नहीं कर रहीं, बल्कि सोचने, समझने और निर्णय लेने लगी हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है - क्या इंसानों के लिए काम बचा रहेगा?

आर्टिफिशियलइंटेलिजेंस नौकरी का भविष्य 

आज AI का इस्तेमाल हर क्षेत्र में हो रहा है -ग्राहक सेवा से लेकर मेडिकल रिपोर्ट बनाने तक, कारखानों में मशीनों से काम लेने से लेकर लेख लिखने तक। इससे कई लोगों को लगता है कि इंसानों की जरूरत कम होती जा रही है।

लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। जब भी कोई नई तकनीक आई है, उसने पुराने कामों को बदला जरूर है, लेकिन नए कामों को भी जन्म

दिया है। ठीक वैसे ही AI भी हमें नए अवसर देगा, बस ज़रूरत है खुद को बदलने और सीखने की।

AI कभी भी इंसानी भावनाओं, सोच, रचनात्मकता और नैतिकता की जगह नहीं ले सकता। एक मशीन कभी यह नहीं समझ सकती कि किसी को क्या महसूस हो रहा है, या किसी कठिन परिस्थिति में सही फैसला क्या होगा।

भविष्य में नौकरियों का स्वरूप ज़रूर बदलेगा, लेकिन इंसानों की ज़रूरत खत्म नहीं होगी। जो लोग समय के साथ चलना सीखेंगे, तकनीक को अपनाएंगे और अपनी क्षमताएं बढ़ाएंगे -उनके लिए अवसरों की कोई कमी नहीं होगी।

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