समय में थमा हुआ शहर चेत्तिनाड,जहाँ हवेलियाँ बोलती हैं

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  Chettinad a timeless town दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित चेत्तिनाड एक ऐसा क्षेत्र है जिसने भारतीय इतिहास में अपनी विशेष पहचान बनाई है। यह क्षेत्र नागरथर या चेत्तियार समुदाय का पारंपरिक घर माना जाता है। नागरथर समुदाय अपनी व्यापारिक समझ, उदार दानशीलता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। सदियों पहले जब भारत व्यापार के केंद्रों में से एक था, तब इस समुदाय ने बर्मा, श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों में व्यापार का विशाल नेटवर्क स्थापित किया। इस वैश्विक दृष्टि और संगठन ने चेत्तिनाड को समृद्धि और पहचान दिलाई। भव्य हवेलियों में झलकती समृद्धि चेत्तिनाड की सबसे प्रभावशाली पहचान इसकी भव्य हवेलियों में झलकती है। इन हवेलियों का निर्माण उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के बीच हुआ था, जब नागरथर व्यापारी वर्ग अपने स्वर्ण काल में था। बर्मी टीक की लकड़ी, इटली की टाइलें और यूरोपीय संगमरमर से सजे ये घर भारतीय पारंपरिक वास्तुकला और विदेशी प्रभाव का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। विशाल आंगन, नक्काशीदार दरवाजे और कलात्मक खिड़कियाँ इन हवेलियों को एक अलग ही भव्यता प्रदान करती हैं। ...

एक छोटी सी कहानी है जो "Gen Z" और म्यूज़ियम से जुड़ी है,जानें कैसे ?

 

                कहानी: "पुराने वक़्त की खुशबू"


आरव, एक 17 साल का लड़का, जिसे स्मार्टफोन, वीडियो गेम और सोशल मीडिया की दुनिया से फुर्सत ही नहीं मिलती थी। एक दिन उसकी दादी ने कहा,
"चलो आरव, आज तुम्हें एक जगह लेकर चलती हूँ जहाँ असली इतिहास बसता है।"

आरव ने आँखें मटकाई, "दादी! फिर से कोई पुराना म्यूज़ियम? वहाँ तो सब बोरिंग होता है!"

लेकिन दादी की जिद के आगे उसकी एक न चली।

वे दोनों शहर के पुराने इतिहास संग्रहालय पहुँचे। आरव ऊबता हुआ सा उनके पीछे-पीछे चल रहा था। पर जब वह वहाँ पहुँचा, तो एक सेक्शन ने उसका ध्यान खींचा — "भारत की स्वतंत्रता संग्राम के नायक"।

वहाँ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की असली वर्दी, गांधी जी का चश्मा और झाँसी की रानी की तलवार रखी थी।

आरव पहली बार रुका।
उसने पूछा, "दादी, क्या ये सब सच में असली है?"

दादी मुस्कुराईं, "हाँ बेटा, ये सब उस दौर की निशानियाँ हैं। तुम्हारे गेम्स में जो 'हीरोज़' होते हैं, उनसे कहीं ज़्यादा असली और बहादुर।"

आरव ने पहली बार म्यूज़ियम को एक नई नजर से देखा — न सिर्फ़ इतिहास की किताबों की तरह, बल्कि एक ज़िंदा कहानी की तरह। उसने अपने फोन से कई फोटो खींचे, और उसी दिन घर आकर एक पोस्ट लिखी:
"हम Gen Z हैं, लेकिन हमारे रूट्स वो हैं जो इन दीवारों पर सजे हैं।"

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