नागौर का मेला : क्या आप जानते हैं इसका एक रहस्य सदियों से छिपा है?

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  राजस्थान अपनी रंगीन संस्कृति, लोक परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है नागौर का प्रसिद्ध मेला, जिसे लोग नागौर पशु मेला या रामदेवजी का मेला भी कहते हैं। यह मेला हर साल नागौर को एक अनोखे रंग में रंग देता है, जहाँ परंपरा, व्यापार, लोक-कलाएँ और ग्रामीण जीवन की असली झलक देखने को मिलती है। मेले की ऐतिहासिक पहचान नागौर का मेला सदियों पुराना है। प्रारंभ में यह मुख्य रूप से पशु व्यापार के लिए जाना जाता था, लेकिन समय के साथ यह एक समृद्ध सांस्कृतिक आयोजन बन गया। यह मेला आज राजस्थान की मिट्टी, लोकगीतों, खान-पान और ग्रामीण जीवन की रौनक को करीब से दिखाने वाली परंपरा बन चुका है। इसका महत्व सिर्फ सांस्कृतिक नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। एशिया का प्रमुख पशु मेला नागौर मेला एशिया के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक माना जाता है। यहाँ हर साल हजारों पशुपालक राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और अन्य राज्यों से पहुँचते हैं। विशेष रूप से नागौरी बैल, मारवाड़ी घोड़े और सजे-धजे ऊँट मेले की शान कहलाते है...

विदेशों में भारतीय रुपये और UPI से भुगतान: यूरोप सहित कहाँ संभव है ,2025 अपडेट

 यूरोप में UPI स्वीकार्यता: भारतीय पर्यटकों के लिए नई शुरुआत

यूरोप में भारतीय भुगतान प्रणालियों की उपस्थिति धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। फ्रांस जैसे देशों ने चुनिंदा पर्यटन स्थलों पर UPI भुगतान की सुविधा शुरू की है, जिससे भारतीय यात्रियों को स्थानीय मुद्रा बदलने या अंतरराष्ट्रीय कार्ड पर निर्भरता कम करनी पड़ती है। यह सुविधा अभी सीमित है, लेकिन आने वाले समय में यूरोप के अन्य देशों में भी UPI का विस्तार होने की संभावना है। यह बदलाव भारतीय यात्रियों के लिए एक बड़ा राहत देने वाला कदम माना जा रहा है।
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एशिया और खाड़ी देशों में भारतीय पेमेंट सिस्टम की सबसे मजबूत पहुँच

यूरोप की तुलना में एशिया और मिडिल-ईस्ट में भारतीय भुगतान प्रणालियों को काफी तेजी से अपनाया गया है। UAE, सिंगापुर, नेपाल, भूटान और श्रीलंका जैसे देशों में UPI और RuPay की स्वीकार्यता अधिक है। इन देशों में कई मॉल, दुकानों, परिवहन सेवाओं और पर्यटन स्थलों पर भारतीय डिजिटल भुगतान सहजता से स्वीकार किए जाते हैं। भारतीय पर्यटकों और प्रवासी भारतीयों की बड़ी संख्या ने इस सुविधा को और अधिक लोकप्रिय बनाया है।

सीधे भारतीय रुपये में भुगतान की वास्तविक स्थिति

विदेशों में सीधे भारतीय रुपये में लेन-देन का विकल्प अभी बहुत सीमित है। दुनिया के अधिकतर देशों में भुगतान स्थानीय मुद्रा—यूरो, डॉलर या पाउंड—में ही होता है। भले ही भुगतान UPI या भारतीय कार्ड से किया जाए, लेकिन वह अक्सर स्थानीय मुद्रा में कन्वर्ट होकर ही प्रक्रिया में आता है। इसलिए INR में सीधे भुगतान की उम्मीद फिलहाल व्यावहारिक नहीं है, खासकर यूरोप और पश्चिमी देशों में।


विदेश यात्रा के दौरान भुगतान के लिए आवश्यक सावधानियाँ

विदेश में केवल UPI या भारतीय कार्ड पर निर्भर रहना हमेशा सुरक्षित विकल्प नहीं होता। भुगतान करते समय स्थानीय मुद्रा चुनना बेहतर रहता है, क्योंकि INR चुनने पर अतिरिक्त शुल्क लग सकता है। यात्रियों को हमेशा एक अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या फॉरेक्स कार्ड साथ रखना चाहिए। कई देशों में UPI उपलब्ध होने के बावजूद, यह सुविधा केवल कुछ दुकानों, पर्यटन स्थलों या सेवाओं तक सीमित हो सकती है। ऐसे में थोड़ी स्थानीय नकद राशि रखना भी समझदारी है।

भविष्य में वैश्विक स्तर पर भारतीय डिजिटल भुगतान का संभावित विस्तार

दुनिया भारतीय UPI की सरलता, सुरक्षा और तेज़ी को देखकर प्रभावित है। भारत और कई विदेशी देशों के बीच पेमेंट इंटीग्रेशन पर तेजी से काम हो रहा है। पर्यटन उद्योग के विकास और भारतीय यात्रियों की बढ़ती संख्या भी इस विस्तार को गति दे रही है। आने वाले समय में और अधिक देश UPI तथा RuPay की स्वीकार्यता बढ़ा सकते हैं, जिससे विदेश यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाएगी।

आज UPI और भारतीय भुगतान प्रणालियाँ कुछ देशों में उपयोगी और सुविधाजनक विकल्प बन चुकी हैं, लेकिन यह अभी वैश्विक स्तर पर पूर्ण रूप से उपलब्ध नहीं हैं। यूरोप, एशिया और खाड़ी देशों में इसकी मौजूदगी बढ़ रही है और निकट भविष्य में इसका विस्तार और तेज़ होने की उम्मीद है। भारतीय यात्रियों के लिए यह एक बड़ा बदलाव साबित होगा, क्योंकि आने वाले वर्षों में विदेशों में भुगतान काफी आसान और सुरक्षित हो जाएगा।

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