नागौर का मेला : क्या आप जानते हैं इसका एक रहस्य सदियों से छिपा है?
1930 के दशक में बने इस विशाल गार्डन की खूबसूरती उसके छायादार मार्गों, सममित रूप से सजाए गए लॉन, पुष्पों की मनमोहक कतारों और बहते जलप्रपातों में छिपी है। फूलों की खुशबू यहाँ की हवा में इस तरह घुली रहती है कि हर सांस में शांति का स्वाद महसूस होता है। कभी-कभार हवा के हल्के झोंके पेड़ों की पत्तियों को हिलाते हैं, और लगता है जैसे पूरा बगीचा किसी राजसी राग को बजा रहा हो।
यहाँ की सबसे अनोखी और आकर्षक अनुभूति है रात का विश्वप्रसिद्ध म्यूज़िकल फाउंटेन शो। पानी की फुहारें संगीत की ताल पर थिरकती हैं, रंगीन रोशनी उन फुहारों को जादुई रूप देती है, और कुछ ही पलों में दर्शकों की आंखों में विस्मय का एक उजाला भर जाता है। बच्चे हो या बड़े, हर किसी के चेहरे पर इस शो के दौरान एक अनजानी मुस्कान खिल उठती है।
कावेरी नदी के किनारे फैला यह गार्डन सिर्फ़ प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग नहीं है, बल्कि उन लोगों के लिए भी खास है जो शहर की भागदौड़ से दूर कुछ पल सुकून से बिताना चाहते हैं। यहाँ टहलना किसी कविता के शब्दों पर चलने जैसा लगता है—हर मोड़ पर एक नई पंक्ति, हर रोशनी में एक नया अर्थ।
मैसूर आने वाला हर यात्री जब तक वृंदावन गार्डन की रात नहीं देख लेता, तब तक उसकी यात्रा पूरी नहीं मानी जाती। यह वह जगह है जहाँ प्रकृति, कला और प्रकाश मिलकर एक ऐसा अनुभव रचते हैं जिसे मन लंबे समय तक संभाले रखता है।
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