लाहौल-स्पीति: बर्फ़ीली वादियों का अनकहा सौंदर्य
राजस्थान का नाम आते ही मन में रेत के टीलों, गर्म हवाओं और मरुस्थल की तस्वीर उभरती है, लेकिन इन्हीं सब के बीच एक ऐसा स्थान है जो इस छवि को बदल देता है। यह है माउंट आबू, राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन। अरावली पर्वतमाला की ऊँचाइयों पर बसा यह छोटा-सा शहर प्रकृति की गोद में छिपा एक नगीना है, जहाँ हर ओर हरियाली, ठंडी हवा और झीलों की शांति है।
माउंट आबू का इतिहास भी उतना ही दिलचस्प है जितना इसका मौसम। कहा जाता है कि इसका नाम “अर्बुदा पर्वत” से पड़ा, जहाँ प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों का निवास था। यहाँ का वातावरण आध्यात्मिकता से भरा हुआ है, जहाँ प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था का संगम देखने को मिलता है।
इस शहर की पहचान सबसे पहले नक्की झील से होती है। झील के चारों ओर बसे बाजार और सैर के लिए उपलब्ध नावें इसे पर्यटकों के लिए खास बनाती हैं। शाम के समय जब सूर्य झील के पानी में अपना सुनहरा रंग घोल देता है, तो वह दृश्य मन मोह लेता है। इसके अलावा दिलवाड़ा जैन मंदिर अपने संगमरमर की बारीक नक्काशी के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। मंदिरों की सुंदरता और शांति हर आगंतुक को आत्मिक सुकून देती है।
माउंट आबू का सबसे ऊँचा स्थान गुरु शिखर है, जहाँ से पूरा अरावली क्षेत्र नजर आता है। ठंडी हवा, दूर-दूर तक फैली पहाड़ियाँ और बादलों से घिरी घाटियाँ यहाँ आने वाले हर व्यक्ति को मोहित कर देती हैं। यहाँ एक छोटा सा मंदिर भी है जो इस जगह को और अधिक पवित्र बनाता है।
राजस्थान की तपती गर्मी में जब बाकी शहरों में सूरज आग बरसाता है, तब माउंट आबू में मौसम मनमोहक बना रहता है। यहाँ की ठंडी हवा, शांत वातावरण और प्राकृतिक हरियाली इसे गर्मी से राहत पाने के लिए सबसे पसंदीदा स्थल बनाती है। स्थानीय व्यंजन, रंग-बिरंगे बाजार और लोगों की सादगी यहाँ के अनुभव को और भी यादगार बना देते हैं।
माउंट आबू सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं बल्कि एक अनुभव है। यह उन यात्राओं में से है जो मन में बस जाती हैं। अगर आप कभी राजस्थान की यात्रा पर जाएँ, तो माउंट आबू को अपनी सूची में ज़रूर शामिल करें। यहाँ की ठंडी हवा और पहाड़ी सौंदर्य आपकी आत्मा को सुकून देंगे और आप बार-बार यहाँ लौटने का मन बनाएँगे।
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