लाहौल-स्पीति: बर्फ़ीली वादियों का अनकहा सौंदर्य
भारत की जनगणना 2011 के अनुसार, देश में लगभग 19,500 भाषाएँ या बोलियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से 121 भाषाएँ ऐसी हैं जिन्हें 10,000 से अधिक लोग बोलते हैं।
भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया गया है, जिनमें हिंदी, बंगाली, तेलुगु, मराठी, तमिल, उर्दू, गुजराती, मलयालम, कन्नड़, उड़िया, पंजाबी, असमिया, कश्मीरी, संस्कृत, मैथिली, संथाली, कोकणी, मणिपुरी, बोडो, डोगरी, नेपाली और सिंधी शामिल हैं।
भारत में हिंदी भाषा सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जिसे लगभग 44% भारतीय अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। इसके अलावा अंग्रेजी एक सहायक आधिकारिक भाषा है, जो सरकारी कार्यों, शिक्षा और व्यापार में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।
भारत की यह भाषाई विविधता केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और पहचान की आत्मा है। हर भाषा अपने साथ एक विशिष्ट इतिहास और लोककथा लेकर चलती है, जो भारत को “एकता में विविधता” का जीवंत उदाहरण बनाती है।
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