लाहौल-स्पीति: बर्फ़ीली वादियों का अनकहा सौंदर्य

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हिमाचल प्रदेश की गोद में बसा लाहौल-स्पीति एक ऐसा इलाका है जहाँ हर मोड़ पर प्रकृति का नया रंग दिखता है। ऊँचे-ऊँचे बर्फ़ से ढके पहाड़, नीले आसमान के नीचे चमकती नदियाँ, और प्राचीन मठों की घंटियाँ—ये सब मिलकर उस शांति का एहसास कराते हैं जो शब्दों से परे है। यहाँ की हवा में एक अलग ताज़गी है, जैसे हर सांस में हिमालय की आत्मा बसती हो। लाहौल-स्पीति की धरती पर कदम रखते ही ऐसा लगता है मानो आप किसी और दुनिया में आ गए हों। पत्थर के बने छोटे-छोटे गाँव, लकड़ी और मिट्टी से बने घर, और दूर-दूर तक फैली निस्तब्ध वादियाँ—इन सबमें जीवन की एक सरल लय बहती है। यहाँ का हर दिन सूर्योदय से शुरू होता है जब बर्फ़ से ढकी चोटियों पर सुनहरी किरणें पड़ती हैं, और शाम होते-होते पूरा आसमान लालिमा से रंग जाता है। यह इलाका सिर्फ़ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। बौद्ध धर्म के मठ, जैसे की-मठ या ताबो मठ, इस क्षेत्र की आत्मा हैं। यहाँ की प्रार्थनाओं की ध्वनि और घूमते हुए प्रार्थना-चक्र इस घाटी में एक अद्भुत आध्यात्मिक वातावरण रचते हैं। स्थानीय लोग सादगी और अपनापन से भरे हैं, औ...

भारत में कितनी भाषाएँ बोली जाती हैं? – भारत की भाषाई विविधता का अद्भुत संसार



भारत एक बहुभाषी देश है जहाँ हर कुछ किलोमीटर पर भाषा और बोली बदल जाती है। यह भाषाई विविधता भारत की सबसे बड़ी सांस्कृतिक विशेषताओं में से एक है।

भारत की जनगणना 2011 के अनुसार, देश में लगभग 19,500 भाषाएँ या बोलियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से 121 भाषाएँ ऐसी हैं जिन्हें 10,000 से अधिक लोग बोलते हैं।
भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया गया है, जिनमें हिंदी, बंगाली, तेलुगु, मराठी, तमिल, उर्दू, गुजराती, मलयालम, कन्नड़, उड़िया, पंजाबी, असमिया, कश्मीरी, संस्कृत, मैथिली, संथाली, कोकणी, मणिपुरी, बोडो, डोगरी, नेपाली और सिंधी शामिल हैं।

भारत में हिंदी भाषा सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जिसे लगभग 44% भारतीय अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। इसके अलावा अंग्रेजी एक सहायक आधिकारिक भाषा है, जो सरकारी कार्यों, शिक्षा और व्यापार में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।

भारत की यह भाषाई विविधता केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और पहचान की आत्मा है। हर भाषा अपने साथ एक विशिष्ट इतिहास और लोककथा लेकर चलती है, जो भारत को “एकता में विविधता” का जीवंत उदाहरण बनाती है।

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